Nivedita Jha – SAWM Sisters https://dev.sawmsisters.com South Asian Women in Media Mon, 18 Feb 2019 10:14:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.5 https://dev.sawmsisters.com/wp-content/uploads/2022/08/sawm-logo-circle-bg-100x100.png Nivedita Jha – SAWM Sisters https://dev.sawmsisters.com 32 32 “पटना में कश्मीरियों को मार रहे उपद्रवियों के बीच देश में मोहब्बत बचाने वाले लोग भी थे” https://dev.sawmsisters.com/patna_love_in_the_middle-of_rioters/ https://dev.sawmsisters.com/patna_love_in_the_middle-of_rioters/#respond Mon, 18 Feb 2019 10:14:43 +0000 https://sawmsisters.com/?p=1891 दोपहर होते-होते पटना की हवा भी नफरत की आग में जल रही थी। ठीक शाम 8 बजे मैं जब बोरिंग रोड चौराहे से गुज़र रही थी तब कुछ जाहिल लौंडे सड़कों पर तिरंगा लिए पाकिस्तान #$*& के नारे लगा रहे थे।   ऐसे ही मवाली पटना स्टेशन के पास लह्सा मार्केट में लगे कश्मीरियों की […]]]>

दोपहर होते-होते पटना की हवा भी नफरत की आग में जल रही थी। ठीक शाम 8 बजे मैं जब बोरिंग रोड चौराहे से गुज़र रही थी तब कुछ जाहिल लौंडे सड़कों पर तिरंगा लिए पाकिस्तान #$*& के नारे लगा रहे थे।

 

ऐसे ही मवाली पटना स्टेशन के पास लह्सा मार्केट में लगे कश्मीरियों की दुकानों को लूट रहे थे, उन्हें पीट रहे थे। पटना के सब्ज़ी बाग और पटना सिटी के इलाके में भी यही नारे लगाए जा रहे थे। मुसलमानों के खिलाफ गंदी-गंदी गलियां दी जा रही थीं।

 

मैं बस हैरान थी और यह सब देखकर अपने ही शहर को पहचान नहीं पा रही थी। इस शहर में रहते हुए 40 साल से ज़्यादा हो गए हैं। शहर को बदलते, टूटते और बिखरते हुए देखा है। इस शहर ने बहुत से दुःख झेला है। हर बार यहां की साझी विरासत और साझी संस्कृति इसे दुखों से बाहर ले आती थी।

 

हमारे शहर की सबसे हसीन शाम और सुबह इसलिए थी कि हमारे भीतर सारे रंग घुले-मिले रहते हैं मगर आज मन परेशान है यह देखकर कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में मारे गए हमारे 42 जवानों की राख ठंडी भी नहीं हुई है कि इसे भुनाने की कोशिश हो रही है।

 

खास समुदाय के खिलाफ नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है। यह सब बहुत सुनियोजित तरीके से हो रहा है। क्या यह संयोग है कि पूरे बिहार में एक ही तरह के नारे लगाए जा रहे हैं? गालियां भी एक ही तरह की दी जा रही है।

 

कोई यह सवाल नहीं पूछ रहा है कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था में क्या चूक हुई? खुफियां एजेंसियों को इस हमले का अंदेशा था फिर भी जवानों की जान क्यों दांव पर लगाए गए?

 

मीडिया में लीक हुई चिट्ठी से यह साफ है कि 8 फरवरी को इस सिलसिले में एक अलर्ट जारी करते हुए कहा गया था कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी आईडी के ज़रिये सुरक्षा बलों के काफिले पर हमला कर सकते हैं। फिर भी उनकी सुरक्षा में क्यों चूक हुई?

 

सरकार के पास ना तो इन सवालों के जवाब और ना ही आतंकवादियों पर गंभीर विचार करने की ताकत है। अगर ऐसा होता तो आज यह उन्मादी सड़कों पर नंगा नाच नहीं कर रहे होते।

हम सब जानते हैं कि पाकिस्तान खुद आंतकवाद को झेल रहा है। यह भी सच है कश्मीर की समस्या को हवा देने में भी उसका हाथ है लेकिन क्या हम इस बात से इंकार कर सकते हैं कि कश्मीर की समस्या के प्रजनन-पोषण में हमारा हाथ नहीं है?

 

यह सब एक गहरी बीमारी के लक्षण हैं और इस बीमारी का समाधान नफरत नहीं है। ऐसे मौके पर सवाल तो उठाना ही होगा। मैं जानती हूं सवाल करने वालों पर इस देश में कभी भी हिंसक घटनाएं घटित हो सकती हैं लेकिन अगर हम डर कर चुप हो गए तो हम सब का अंत निश्चित है।

 

अखबार, रेडियो और टीवी पर जिस तरह उकसाने वाले बयान दिए जा रहे हैं, जिस तरह की हिंसा और नफरत परोसी जा रही है, इसके पीछे की राजनीति को भी जानना होगा। हमारी इसी नफरत और दरार का इस्तेमाल आज तक होता रहा है।

 

Pulwama Attack Daughter of CRPF ASI Mohan Lal
फोटो साभार: ANI Twitter

किसी भी दरार के पास आग लगाने पर प्रचंड मात्र में राजनितिक उर्जा फूटती है, जिसका इस्तेमाल नफरत की राजनीति के लिए किया जाता है। मेरे शहर की खास बात यह है कि यहां आज भी नफरत से ज़्यादा मोहब्बत करने वाले लोग हैं।

 

हम जानते हैं कि हमारी दुनिया दोष रहीत नहीं है फिर भी मुझे अपने इस घायल और दागदार दुनिया से प्यार है। मैं जानती हूं कि आज भी यहां नफरत के खिलाफ मोहब्बत के लिए जान देने वाले लोग हैं।

 

मुझे अपने शहर की इस ढीली-ढाली बेतरतीबी से प्यार है। यहां ज़िंदा सपनों के साथ ज़िंदा लोग बसते हैं। हमारे पटना को नकली देश भक्त नहीं चाहिए।

 

हम अपनी दुश्मनी अपने दुश्मन की माँ, बेटी के साथ बलात्कार कर नहीं निकालेंगे। जब सड़कों पर मवाली लौंडे उत्पात मचा रहे थे, ठीक उसी समय मोहब्बत के रंग में रंगे लोग सड़कों पर निकल कर यह कह रहे थे कि हम नफरत के खिलाफ प्रेम के पक्ष में खड़े हैं।

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